Knee Replacement

कैसे कराएं घुटनों का ऑपरेशन ? (Knee Replacement)

घुटनों का ऑपरेशन को नी प्लेसमेंट सर्जरी (Knee Replacement) के नाम से भी जाना जाता है, जिसे उस स्थिति में किया जाता है, जब कोई व्यक्ति घुटनों के दर्द से काफी परेशान रहता है और स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि उसे चलने या फिर बैठने में भी काफी परेशानी होने लगती है। (Knee Replacement Surgeon in Kanpur)

घुटनों में दर्द की समस्या काफी तेज़ी से फैल रही है, जो पुरूषों के साथसाथ महिलाओं में भी देखने को मिलती है।

भारत में 60 से 65 उम्र तक 90 प्रतिशत लोगों के घुटने खराब हो जाते हैं और उन्हें इसका इलाज कराने के लिए ऑपरेशन का सहारा लेना पड़ता है। घुटनों का दर्द मुख्य रूप से कई कारणों जैसे अधिक वजन होना, शरीर में कैल्शियम की कमी होना, हड्डियों का कमजोर होना इत्यादि के कारण होता है।

इसी कारण यह चर्चा का विषय बन गया है और लोग इसके समाधान के तरीके की तलाश में रहते हैं। चूंकि, लोगों को नी प्लेसमेंट या घुटना का ऑपरेशन की अधिक जानकारी नहीं होती है, इसी कारण वे अपनाने से छिचकते हैं। क्या आप भी इसकी जानकारी से वंचित हैं, तो इस लेख को अवश्य पढ़ें।

क्या है घुटनों का ऑपरेशन? (What is Knee Replacement Surgery?)

घुटनों का ऑपरेशन या घुटना प्रत्यारोण सर्जरी को आर्थोप्लास्टी भी कहा जाता है। इसमें खराब घुटने को कृत्रिम जोड़ (Artificial Joint) से बदला जाता है।

यह जोड़ मुख्य रूप से मिश्र धातु (Metal Alloys), उच्च ग्रेड प्लास्टिक (High Grade Plastics/UHMW-PE) और पॉलिमर (Polymer) से बना होता है, जो व्यक्ति को सामान्य रूप से चलने या अन्य गतिविधियों को करने में सहायता प्रदान करता है।

घुटनों का ऑपरेशन कराने की सलाह कब दी जाती है? (When Knee Replacement Surgery is advised)

  1. घुटनों में दर्द होना
  2. घुटनों में सूजन होना 
  3. घुटनों के ग्रीस का खत्म होना 
  4.  चलन बैठन मे तकली होन
  5. अन्य किसी तरीके का कारगर होना जब घुटनों की समस्या का समाधान किसी अन्य तरीके से नहीं होता है, तब ऑपरेशन लाभकारी तरीका साबित होता है।

घुटनों के ऑपरेशन कितने प्रकार के कितने होते हैं? (Types of Knee Replacement Surgery-)

नी रिप्लेसमेंट मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार हैं

  1. टोटल नी रिप्लेसमेंट–  यह नी रिप्लेसमेंट का सामान्य प्रकार है, जिसमें दोनों घुटनों या फिर एक पूरे घुटने का इलाज किया जाता है।
  2. पार्शियल नी रिप्लेसमेंट(uni knee) जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस प्रक्रिया घुटने के एक हिस्से का इलाज किया जाता है।
  3. रिविज़न नी रिप्लेसमेंट जब एक घुटने के ऑपरेशन के बाद उसे कुछ समय के बाद फिर से किया जाता है, तो उस स्थिति को रिविज़न नी रिप्लेसमेंट के नाम से जाना जाता है।

घुटने के ऑपरेशन के बाद पूरी तरह से ठीक होने में कितना समय लगता है? (Recovery Time of Knee Replacement Surgery)

इस ऑपरेशन को कराने वाले व्यक्ति के मन में यह सवाल आता है, कि उसे पूरी तरह से ठीक होने में कितना समय लगेगा। वह इसका उत्तर जानने के लिए काफी उत्सुक रहता है।

आमतौर पर इस ऑपरेशन के 2 हफ्तों के बाद व्यक्ति की सेहत में सुधार हो जाता है, लेकिन व्यक्ति को पूरी तरह से ठीक होने में कितना समय लगेगा, यह बात मुख्य रूप से कई सारे तत्वों पर निर्भर करती है, जो इस प्रकार हैं

  • कृत्रिम जोड़ (Artifical Joint)-  घुटने के ऑपरेशन के बाद कृत्रिम जोड़ (Artifical Joint) की लाइफलाइन व्यक्ति की सेहत को प्रभावित करती है। यदि यह अच्छी किस्म है तो व्यक्ति बेहतर तरीके से अपने जीवन को जी सकता है, वरना उसे इस ऑपरेशन को फिर से कराने की जरूरत पड़ सकती है।
  • व्यक्ति के स्वास्थ व्यक्ति के स्वास्थ की स्थिति इस बात को निर्धारित करती है कि वह कितनी जल्दी ठीक होगा।
  • वजन किसी भी व्यक्ति का वजन उसके ठीक होने को प्रभावित करता है। यदि किसी व्यक्ति का वजन अधिक है तो उसका इंप्लांट जल्दी खराब हो सकता है, वहीं दूसरी ओर जिस व्यक्ति का वजन सामान्य होता है, तो उसका इंप्लांट बेहतर तरीके से काम करता है।

सावधानी घुटने के ऑपरेशन के बाद व्यक्ति द्वारा अपनाई गई सावधानी इस बात को निर्धारित करती है कि उसके कितनी जल्दी आराम होगा और वह कब अपनी दिनचर्या के कार्यों को कर पाएगा। 

ORTHOPEDIC SPECIALIST IN KANPUR